मित्र ।
हर आफत मे एक आधार
जो पहला दे, मित्र वही है ।
मुश्किल की घडी मे आकर
जो सहला दे, मित्र वही है ।
खौफनाक स्थिती सहजता से
जो टहला दे, मित्र वही है ।
दिल छूकर आंसूमे बहाकर
जो नहला दे, मित्र वही है ।
सुनी बेचैन घडी मे दिल को
जो बहला दे, मित्र वही है ।
किंतु परंतू को रोककर
जो मसला दे, मित्र वही है ।
हर दुख मे साथ रहकर
जो हौसला दे, मित्र वही है ।
प्रशांत कदम,
गोरेगांव, मुंबई,
९५९४५७२५५५,
व्वा क्या बात है// बढीया है बढीया 👍👌🙏🥳🎉🌷
ReplyDeleteMast 👍👍👍👌🙂
ReplyDeleteThank you.
ReplyDelete